Tunnel in Bihar : किसी भी देश का इंफ्रास्ट्रक्चरल विकास पूरी दुनिया से देखा जाता है। इसी कड़ी में भारत सरकार सड़कों और एक्सप्रेस-वे पर सराहनीय काम कर रही है। देश के हर राज्य में एक्सप्रेस-वे का जाल बिछा दिया गया है। सड़क से सफर करने में किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए राज्यों में सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में बिहार में देश की छठी सबसे बड़ी टनल का निर्माण किया जाएगा। आइए जानते हैं इस टनल से किन जिलों को फायदा होगा और एक राज्य से दूसरे राज्य जाने में कितना समय बचेगा।
बिहार में बन रही यह सुरंग वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे पर बनाई जानी है। 6 लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे 610 किलोमीटर लंबा होगा। इसकी कुल लागत करीब 35,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। एक्सप्रेसवे का निर्माण भी लगभग शुरू हो चुका है। NHAI ने इसका नाम NH319B भी रखा है। 610 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का 160 किलोमीटर हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा।
कहां बनेगी यह सुरंग
यह एक्सप्रेस-वे वाराणसी में बने रिंग रोड से शुरू होकर चंदौली जिले की सीमा से बिहार में प्रवेश करेगा और गया जिले को पार करते हुए झारखंड तक जाएगा। 5 किलोमीटर लंबी यह सुरंग बिहार के कैमूर जिले में कैमूर पहाड़ियों में बनेगी, जो सोन नदी को पार करते हुए सासाराम से औरंगाबाद में प्रवेश करेगी।
बिहार के 4 जिलों को होगा फायदा
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार के 4 जिलों से होकर गुजरेगा और झारखंड के भी इतने ही जिलों को इसका फायदा होगा। फिर यह पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले को होकर जायेगा।। इसके निर्माण के बाद जहां बनारसी से कोलकाता जाने में 14 घंटे लगते थे अब यह सफर 7 घंटे में ही पूरी की जा सकेगी। इसका फायदा बिहार के कारोबारियों को भी होगा, क्योंकि गया जिले में बन रहे लॉजिस्टिक पार्क को भी इससे जोड़ा जाएगा।